
कांग्रेस के विधायक करण दलाल ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मुद्दे पर मनोहर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कर्मचारियों से रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं.
चंडीगढ़: विधायक करण दलाल ने हरियाणा सरकार पर कर्मचारियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. करण दलाल ने कहा कि हरियाणा के विभिन्न विभागों में 50,000 कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रहे हैं. इन कर्मचारियों को न तो तय वेतन दिया जा रहा है ना ही अन्य भत्ते. इसके अलावा इन कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड भी नहीं मिल रहा है.
आउटसोर्सिंग पर भर्ती के दौरान प्रदेश के युवक और युवतियों से बड़ी रिश्वत भी ली जा रही है. कई हजार करोड़ के इस घोटाले में सरकार के मंत्रियों एवं मुख्यमंत्री के चाहने वालों की नकली कंपनियां शामिल हैं. इसी कथित घोटाले को लेकर करण दलाल ने राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा है. उनका कहना है कि अगर इस मामले में जांच नहीं होती तो वह इस मामले को सरकार के खिलाफ बनाई जा रही चार्ज सीट में तो शामिल करेंगे. साथ ही न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का काम करेंगे.
करण दलाल का कहा कि इस मामले में भारत सरकार का प्रोविडेंट विभाग भी हरियाणा सरकार से सवाल कर रहा है. सरकार इसका जवाब देने को तैयार नहीं है. साथ ही हरियाणा के चीफ सेक्टरी भी इन 50000 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर सरकार के विभिन्न विभागों से ब्यौरा मांग रहे हैं. जिसके चलते मुख्यमंत्री सहित सरकार के अन्य मंत्रियों का ईमानदारी का ढोंग करने वाला चेहरा बेनकाब हो गया है.
करण दलाल का यह भी कहना था कि एक तरफ तो एनएचएम एवं पावर कॉम विभाग के कर्मचारी अपने हकों के लिए प्रदेश में प्रदर्शन किए हुए हैं.दूसरी तरफ पावर कॉम विभाग के एमडी और चेयरमैन के बच्चे विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. ऐसे में पावरकॉम विभाग के एमडी और चेयरमैन बताएं कि बच्चों को विदेशों में पढ़ाने का पैसा उनके पास कहां से आया है. यहां करण दलाल ने सरकार के फूड सप्लाईविभाग सहित एक्साइज विभाग के मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.