
जिला के बाग पशोग पंचायत में लाखों का घोटाला सामने आया है. दो वर्ष पूर्व स्वीकृत दस लाख का सिंचाई टैंक केवल कागजों में ही बना है. धरातल पर केवल मिट्टी व गड्ढा ही है. मामले की जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने रोष जताया है.
राजगढ़ः बाग पशोग पंचायत में लाखों का घोटाला सामने आया है. दो वर्ष पूर्व स्वीकृत दस लाख का सिंचाई टैंक केवल कागजों में ही बना है. धरातल पर केवल मिट्टी व गड्ढा ही है. मामले की जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने रोष जताया है. आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
आठ लाख का बजट खर्च नहीं बना टैंक
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में रिस्तर गांव के लिए दस लाख का सिंचाई टैंक स्वीकृत हुआ था. मनरेगा योजना से बनने वाले इस टैंक की केवल खुदाई ही हो पाई, जबकि आठ लाख का बजट खर्च भी हो गया है. छानबीन में पता चला है कि पंचायत ने बिना कोई कार्य किए इतनी बड़ी राशि के बिल वाउचर भी लगा दिए हैं. पंचायत प्रधान राजेश्वरी शर्मा ने कहा कि 2018 में मनरेगा से टैंक निर्माण के लिए 10 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे. 80 फीसदी राशि निकाली भी जा चुकी है.
दो वर्षों से सिंचाई टैंक का इंतजार
गांववासी बीते दो वर्षों से सिंचाई टैंक का इंतजार कर रहे हैं. ग्रामीणों ने जब नई पंचायत बॉडी से इस बाबत पूछताछ की तो उन्हें बताया गया कि यह टैंक तो उसी समय बन गया है. इस पर ग्रामीणों ने कहा कि वहां किसी तरह का कोई टैंक नहीं बना है. सोमवार को नवनियुक्त पंचायत प्रधान राजेश्वरी शर्मा व वार्ड सदस्य पूजा देवी व कौशल कुमार ने रिस्तर गांव पहुंचकर मामले की छानबीन की. वहां न तो टैंक बना था न ही वहां किसी तरह का रेत-बजरी, सरिया व सीमेंट पड़ा था.
31 मार्च से पहले बनेगा टैंक
पूर्व पंचायत प्रधान का कहना है कि इसमें किसी तरह का घपला नहीं हुआ है. आठ लाख रुपये का मैटेरियल खरीदा गया है. 31 मार्च से पहले रिस्तर गांव में टैंक बना दिया जाएगा. वहीं, खंड विकास अधिकारी का कहना है इस मामले का पता चला है, जिस पर पंचायत को नोटिस जारी किया जाएगा.
ये भी पढ़ें : पर्यटन विकास निगम ने बढ़ाया अपना बेड़ा, अपनी फ्लीट में शामिल की 2 नई यूरो-6 एसी वाॅल्वो कोच