
कोरोना वैक्सीन लगने के बाद सुजानपुर विधानसभा के सौड्ड गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रोमिला देवी की तबीयत बिगड़ गई थी. महिला की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे मेडिकल कॉलेज टांडा में भर्ती कराया गया था. प्रोमिला देवी की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे टांडा मेडिकल कॉलेज से आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया था. जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी.
शिमलाः कोरोना से जंग जीतने के लिए वैक्सीनेशन का दौर जारी है. शिमला के आईजीएमसी में एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत हो गई है. कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद महिला की तबीयत बिगड़ गई थी. पहले टांडा मेडिकल कॉलेज फिर आईजीएमसी शिमला में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि महिला गुलिंबार सिंड्रोम यानी नसों की अकड़न व हार्ट की बीमारी से भी पीड़ित थी, लेकिन जब उसे कोरोना की वैक्सीन लगाई गई तो उसे करीब एक सप्ताह बाद महिला की तबीयत ज्यादा ही बिगड़ गई थी. इसके चलते महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया. महिला की मौत कोरोना वैक्सीन से हुई या अन्य बीमारी से इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. असली कारणों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जांच में जुट गया है.
29 जनवरी को लगा था कोरोना का टीका
महिला को 29 जनवरी को कोरोना का टीका लगाया गया था. 6 फरवरी को महिला कि तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद महिला को पहले हमीरपुर अस्पताल लाया गया, लेकिन तबियत ज्यादा बिगडने के चलते टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा गया. वहां भी महिला के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और महिला को आईजीएमसी रेफर किया गया, लेकिन महिला ने रविवार सुबह आईजीएमसी में दम तोड़ दिया.
हमीरपुर की रहने वाली थी महिला
56 वर्षीय महिला गांव सौड़ डाकघर जोल लम्बरी तहसील सुजानपुर जिला हमीरपुर की रहने वाली थी. महिला की मौत से हडकंप मच गया है. महिला के मौत से सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
सवालों के घेरे में विभाग
विभाग इस मौत के बाद सवालों के घेरे में है. महिला के हार्ट की बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद महिला को टीका क्यों लगाया गया. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि महिला की मौत कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद ही हुई. महिला की मौत का कारण जांच का विषय है.
आईजीएमसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी
आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हो गया है, लेकिन इस तरह का यह पहला मामला सामने आया है. जब महिला की तबियत बिगड़ी थी, तो उसे पहले हमीरपुर और फिर टांडा लाया गया था. जब महिला ठीक नहीं हुई, तो उसे आईजीएमसी रेफर किया गया. महिला को कोरोना वैक्सीन जरूर लगी थी, लेकिन काफी समय पहले लगी थी. महिला अन्य बीमारी से पीड़ित थी. इसकी वजह से उसकी मौत हुई है. वैक्सीन लगाने से महिला की मौत नहीं हुई है.
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