मोबाइल फोन के लगातार इस्तेमाल से शरीर में हो सकती हैं कई दिक्कतें: नेत्र रोग विशेषज्ञ अजय नेगी
Ophthalmologist

मोबाइल फोन और मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन सेहत के लिए खतरा भी साबित हो सकती है, लेकिन कुछ सावधानियां बरती जाएं तो मोबाइल रेडिएशन से होने वाले खतरों से काफी हद तक बचा जा सकता है. जानकारी देते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञ अजय नेगी ने बताया कि मोबाइल रेडिएशन से आखों पर ही नहीं बल्कि कई अन्य तमाम दिक्कतें भी हो सकती हैं.

रामपुर: मोबाइल फोन के बिना अब हमें जिंदगी की कल्पना करना मुश्किल हो जाता है. मोबाइल फोन और मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन सेहत के लिए खतरा भी साबित हो सकती है, लेकिन कुछ सावधानियां बरती जाएं तो मोबाइल रेडिएशन से होने वाले खतरों से काफी हद तक बचा जा सकता है.

जानकारी देते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञ अजय नेगी ने बताया कि मोबाइल रेडिएशन से आखों पर ही नहीं अन्य तमाम दिक्कतें भी हो सकती हैं, जिनमें प्रमुख हैं सिरदर्द, सिर में झनझनाहट, लगातार थकान महसूस करना, चक्कर आना, डिप्रेशन, नींद न आना, आंखों में ड्राइनेस, काम में ध्यान न लगना, कानों का बजना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, पाचन में गड़बड़ी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द होना है.

वीडियो रिपोर्ट.

कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा

मोबाइल रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और मिस-कैरेज की आशंका भी हो सकती है. दरअसल, हमारे शरीर में 70 फीसदी पानी है. दिमाग में भी 90 फीसदी तक पानी होता है. यह पानी धीरे-धीरे बॉडी रेडिएशन को अब्जॉर्ब करता है और आगे जाकर सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है.

माइक्रोवेव रेडिएशन उन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के कारण होता है, जिनकी फ्रीक्वेंसी 1000 से 3000 मेगाहर्ट्ज होती है. माइक्रोवेव अवन, एसी, वायरलेस कंप्यूटर, कॉर्डलेस फोन और दूसरे वायरलेस डिवाइस भी रेडिएशन पैदा करते हैं. लेकिन लगातार बढ़ते इस्तेमाल, शरीर से नजदीकी और बढ़ती संख्या की वजह से मोबाइल रेडिएशन सबसे खतरनाक साबित हो सकता है.

मोबाइल रेडिएशन दो तरह से होता है

मोबाइल टावर और मोबाइल फोन के रेडिएशन से बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और मरीजों को ज्यादा नुकसान होता है. नेत्र रोग विशेषज्ञ अजय नेगी ने बताया कि अपने बच्चों को जब भी फोन घर पर ऑनलाइन क्लासेज लगाने के लिए देते हैं तो अभिभावक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह उसका मिस यूज ना करें. पढ़ाई के लिए ही वह उसका यूज करें उसके उपरांत व अभिभावक फोन को वापिस लें लें.

उन्होंने बताया कि आए दिन ऐसे भी अभिभावक है जो अपने आप को फ्री रखने के लिए अपने बच्चों को मोबाइल फोन पकड़ा देते हैं उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं हो पाता कि इसका बुरा असर बच्चों पर पड़ रहा है.

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