
हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल में आईजीएमसी की लैब में टेस्ट में काम आने वाला केमिकल रिएजेंट खत्म हो गया है. जिस वजह से रविवार दिनभर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
शिमला: आईजीएमसी में बीते 24 घंटों से मरीज परेशान हैं. यहां पर रूटीन टेस्ट में काम आने वाला रिएजेंट खत्म होने से अधिकांश मरीजों का टेस्ट के सैंपल लेने से इंकार कर दिया गया है. रविवार दिनभर लीवर और किडनी फंग्शनिंग टेस्ट के सैंपल नहीं लिए गए. जबकि शनिवार देर रात आठ बजे जिन मरीजों से लैब में इमरजेंसी में सैंपल दिए थे, उन्हें रविवार सुबह नौ बजे रिपोर्ट दी गई, जबकि एसआरएल में दो घंटे बाद रिपोर्ट देने का प्रावधान है.
ऐसे में ना तो इमरजेंसी में रात काो आए मरीजों का टेस्ट हो सका और ना ही वह कहीं और लैब में टेस्ट करवा पाए. सबसे ज्यादा दिक्कतें रविवार दोपहर को आई, जब आसपास की निजी लैब भी बंद रही और एसआरएल लैब में भी सैंपल लेने से इंकार कर दिया गया. मरीज पूरा दिन टेस्ट करवाने के लिए परेशान रहे.
24 घंटे बाद मिली रिपोर्ट
शनिवार देर रात आठ बजे के करीब डॉक्टरों ने मरीजों के टेस्ट के लिए सैंपल लिए और उन्हें एसआरएल में जांच के लिए भेजा. यहां पर रूटीन के ब्लड टेस्ट के मरीजों से सैंपल तो ले लिए, मगर रिपोर्ट देने के लिए जब तीमारदार वापस लैब में पहुंचे तो उन्हें इंकार कर दिया गया. साथ ही सुबह रिपोर्ट लेने के लिए कहा गया.
हालांकि तीमारदारों ने यह तक कहा कि उनके मरीज इमरजेंसी में आए हैं और रिपोर्ट देखने के बाद ही डॉक्टर इलाज शुरू करेंगे, मगर रिपोर्ट नहीं मिल पाई. सुबह छह बजे से तीमारदार फिर लैब के चक्कर काटने लगे, नौ बजे उन्हें रात के सैंपल की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट देखने के बाद ही मरीजों का इलाज शुरू हो पाया.
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आईजीएमसी में रिएजेंट खत्म
रविवार सुबह कई तीमारदार एसआरएल लैब में लीवर और किडनी के सैंपल लेकर पहुंचे तो, लैब में सैंपल लेने से इंकार कर दिया. तीमारदारों ने जब इसका कारण पूछा तो जवाब मिला की इन सभी टेस्ट जांच के रिएजेंट खत्म हैं जब रिएजेंट आएंगे तो ही टेस्ट शुरू होंगे.
निजी लैब का करना पड़ रहा रुख
जब तीमारदार सैंपल लेकर आसपास के निजी लैब में पहुंचे तो यहां कई लैब तो बंद मिले, जो लैब खुली भी थी, वहां पर दो से तीन गुना अधिक दामों पर टेस्ट सैंपल देने पड़े. फिर दोबारा से रिपोर्ट लेने के लिए उनके कई चक्कर लगे, जिसमें उन्हें काफी परेशानी आई क्योंकि मरीज के साथ भी तीमारदार का होना जरूरी होता है.
वहीं, एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि एसआरएल लैब में टेस्ट ना होने से मरीजों को परेशानी आई है. लैब में कुछ दिनों से यह दिक्कत चल रही है. संबंधित अधिकारियों को इसे ठीक करने के आदेश दिए गए हैं. यदि वह इसे दुरूस्त नहीं करते तो नियमों के तहत जो कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी. मरीजों को बेहतर सुविधा देना प्रशासन की जिम्मेदारी है.
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