
शिमला में सचिवालय के समीप चल रहे एक निजी स्कूल को स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को जानकारी दिए बिना ही बंद कर दिया है. ऐसे में गुस्साए हुए अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन की इस मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच के बैनर तले स्कूल कैंपस में धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही एक ज्ञापन उन्होंने स्कूल प्रबंधन की इस मनमानी को लेकर प्रारंभिक शिक्षा संयुक्त निदेशक को भी सौंपा है.
शिमला: राजधानी शिमला में सचिवालय के समीप चल रहे एक निजी स्कूल को स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को जानकारी दिए बिना ही बंद कर दिया है. इससे पहले जहां स्कूल ने अभिभावकों से जनवरी-फरवरी की फीस वसूली और अभिभावकों ने छात्रों के लिए स्कूल किताबें और वर्दी भी खरीद ली तब जाकर अभिभावकों को यह जानकारी मिल रही है कि स्कूल प्रबंधन ने स्कूल को बंद कर दिया है.
ऐसे में गुस्साए हुए अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन की इस मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच के बैनर तले स्कूल कैंपस में धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही एक ज्ञापन उन्होंने स्कूल प्रबंधन की इस मनमानी को लेकर प्रारंभिक शिक्षा संयुक्त निदेशक को भी सौंपा है.
निजी स्कूल प्रबंधन पर तानाशाही करने का आरोप
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूल प्रबंधन पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने मनमर्जी से स्कूल बंद कर दिया है. बिना किसी नोटिस के आनन-फानन में दो दिन के भीतर ही स्कूल बंद कर दिया जो न केवल गैर कानूनी है अपितु मानवता विरोधी भी है. उसने न तो अभिभावकों से इस संबंध में बात की और न ही शिक्षा विभाग से इस संदर्भ में कोई इजाजत ली.
स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर स्कूल लीविंग ओर ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने का दबाव बना रहा है. प्रबंधन ने अभिभावकों से जनवरी-फरवरी 2021 की फीस भी वसूल ली है. अभिभावकों ने बच्चों की ड्रेस व किताबें भी खरीद ली हैं. इस तरह हज़ारों रुपये का आर्थिक बोझ लादने के बाद प्रबंधन ने स्कूल को बंद करने का निर्णय लिया है जोकि तानाशाही है.
'स्कूल प्रबंधन को मनमानी नहीं करने दी जाएगी'
अगर स्कूल प्रबंधन को स्कूल बंद ही करना था तो फिर वह समय से अभिभावकों को बताता, ताकि बच्चों की एडमिशन अन्य स्कूलों में सुनिश्चित हो पाती और फीस, ड्रेस व किताबों के हजारों रुपयों का आर्थिक बोझ बेवजह अभिभावकों पर नहीं पड़ता. इस मामले में जब अभिभावकों को साथ लेकर छात्र अभिभावक मंच का प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा हितेश आजाद से मुलाकात की तो उन्होंने अभिभावकों को यह भरोसा दिया कि स्कूल प्रबंधन को मनमानी नहीं करने दी जाएगी.
उन्होंने आज ही इस संदर्भ में स्कूल को पत्र जारी करके स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. उन्होंने उपनिदेशक शिक्षा को एक दिन के भीतर स्कूल की इंस्पेक्शन के आदेश दिए हैं. मंच ने चेतावनी दी है कि अगर अभिभावकों को न्याय न मिला तो अभिभावक सड़कों पर उतरकर स्कूल प्रबंधन की तानाशाही का विरोध करेंगे.
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