
सरकारी रिकार्ड से छेड़छाड़ व कर्मचारियों का पैसा डकारने वाले लोक निर्माण विभाग के एक कनिष्ठ सहायक के खिलाफ विजिलेंस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. 2017 के इस मामले में लोक निर्माण विभाग में तैनात कनिष्ठ सहायक के खिलाफ विजिलेंस ने सरकारी रिकार्ड से टेंपरिंग व सरकारी धनराशि का गबन करने पर मामला दर्ज किया था.
नाहन: सरकारी रिकार्ड से छेड़छाड़ व कर्मचारियों का पैसा डकारने वाले लोक निर्माण विभाग के एक कनिष्ठ सहायक के खिलाफ विजिलेंस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है.
2017 का है मामला
दरअसल कनिष्ठ सहायक राजूराम पर 10 लाख रूपए के गबन का आरोप है. कनिष्ठ सहायक ने कर्मियों का पैसा अपने निजी खाते में ट्रांसफर किया था. 2017 के इस मामले में लोक निर्माण विभाग में तैनात कनिष्ठ सहायक के खिलाफ विजिलेंस ने सरकारी रिकार्ड से टेंपरिंग व सरकारी धनराशि का गबन करने पर मामला दर्ज किया था.
मामले की तफ्तीश के दौरान पता चला कि कनिष्ठ सहायक लोक निर्माण विभाग के नाहन कार्यालय में चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल, टीए बिल, जीपीएफ व कर्मचारियों के नकदीकरण बिल संबंधी क्लर्क का काम देख रहा था.
टोकन रजिस्टर में हेरफेर
जांच में सामने आया कि आरोपी ने टोकन रजिस्टर में हेरफेर किया. झूठे बिल तैयार किए. यही नहीं छानबीन के दौरान यह भी सामने आया कि कर्मचारियों के खातों में राशि हस्तांतरित करने के बजाय आरोपी ने धोखे से अपने ही बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया.
जांच में पता चला कि कनिष्ठ सहायक ने यह सब मॉडस ओपरा के माध्यम से 2016 से 2018 के दौरान अपने स्वयं के खाते में लगभग 10 लाख रुपये का घपला किया. इसको लेकर विजिलेंस ने विशेष न्यायाधीश नाहन की अदालत के समक्ष धोखाधड़ी, गबन, भ्रष्टाचार और अभिलेखों के गलत इस्तेमाल के लिए चार्जशीट दायर की गई है.
क्या कहते हैं डीएसपी विजिलेंस
मामले की पुष्टि डीएसपी विजिलेंस तरणजीत सिंह ने की है. उन्होंने बताया कि इस मामले में तफ्तीश पूरी करने के बाद विशेष न्यायाधीश नाहन की अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान कई खुलासे हुए हैं, जिसमें सरकारी धनराशि के गबन के साथ-साथ सरकारी रिकार्ड में भी छेड़छाड़ की गई थी.
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