
यूपी के फर्रुखाबाद शहर की रहने वाली छात्रा गौरी मिश्रा ने महज 9 वर्ष की उम्र में पियानो बजाने में ख्याति हासिल कर ली थी. छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. आज वो 14 साल की है और उसे राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार और प्रधानमंत्री द्वारा कई पुरस्कार मिल चुके हैं. देखिए हमारी इस स्पेशल स्टोरी में एक हुनर मंद बेटी की ये उड़ान...
फर्रुखाबाद : जिले की रहने वाली छात्रा गौरी मिश्रा ने महज 9 वर्ष उम्र में ही पियानो बजाने में ख्याति हासिल कर ली. छात्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है. उसे राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता से नवाजा गया है. प्रधानमंत्री द्वारा भी उसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं. आज गौरी की उम्र 14 साल है और उसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार हासिल कर लिए हैं.
4 साल की उम्र से बजा रही पियानो
कक्षा 9 की छात्रा गौरी 4 साल की उम्र से ही पियानो बजा रही है. उसे खेल-खेल में ही पियानो बजाने का जुनून सवार हुआ. आज वो इस मुकाम तक पहुंच गई है. गौरी ने 29 अगस्त 2015 को गुड़गांव के एमबीएस मॉल में लगातार एक घंटे तक पियानो बजाकर रिकॉर्ड हासिल किया था. उसने ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ लंदन थ्योरी ऑफ म्यूजिक का ग्रेट-२ एग्जाम भी पास किया है. गौरी मिश्रा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार व 22 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भी किया गया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी गौरी से मिल चुकी हैं.

14 साल की गौरी मिश्रा को राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स अवॉर्ड एवं अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया असिस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड मिल चुका है. रिकॉर्ड सेंटर यूएसए में पियानो बजाने में सबसे कम उम्र की बालिका के रूप में कीर्तिमान स्थापित किया था. इसके अतिरिक्त गौरी मिश्रा ने टाटा ग्रुप ऑफ कल्चरल कार्यक्रम स्पंदन म्यूजिकल कैंप, एमबीएस मॉल गुड़गांव, इपिक सेंटर ऑडिटोरियम गुड़गांव में पियानो बजाकर सबको चकित कर दिया था.

विश्व के सबसे तेज पियानो वादक है गौरी के गुरू
गौरी के गुरू विश्व के सबसे तेज पियानो वादक अमन बाटला हैं. इन्हीं के संरक्षण एवं निर्देशन में गौरी ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. शीतला महोत्सव गुड़गांव में प्रतिभा प्रदर्शन इसके साथ-साथ गौरी ने स्केटिंग गेम में भाग लेकर 2 दर्जन से अधिक मेडल भी हासिल किए हैं. कई ट्राफियां जीती हैं. इसके अलावा गौरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा ऑलराउंडर विद्यार्थी का पुरस्कार प्राप्त हुआ है.

गौरी की सफलता से माता-पिता हैं खुश
गौरी की मां अमिता मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने गौरी में पियानो बजाने की ललक दिखी. जिसके बाद उन्होंने विश्व के सबसे तीव्रतम पियानो वादक अमन बाटला से उसे प्रशिक्षण दिलाया. मां अमिता का कहना है कि इसी प्रशिक्षण का नतीजा है कि बेटी कम उम्र में आगे बढ़ रही है. वह कहती हैं कि घर पर गौरी की उंगलियां पियानो पर खूब थिरकाती है.

गौरी के बाबा को है गौरी पर नाज
गौरी के बाबा आनंद प्रकाश मिश्रा कहते हैं कि जिस तरह से गौरी ने उनका मान बढ़ाया, आज उनको अपनी नातिन पर गर्व है. वहीं इतनी छोटी सी उम्र में गौरी की सफलता पर आज परिवार में खुशी का माहौल है. दूसरी तरफ गौरी का कहना कि अभी तो शुरुआत है, उसे बहुत आगे जाना है. इटीवी भारत भी यही चाहता है, कि गौरी के सपने के उड़ान को और पंख लगे. वो हर नई उंचाइयों को छूए.