UP budget 2021-22: स्वास्थ्य बजट को लेकर लोगों में उत्साह, कहा-बेहतर होंगी सुविधाएं
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वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उत्तर प्रदेश सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट पेश किया. इसमें मेडिकल सेक्टर पर भी काफी ध्यान दिया गया. प्रदेश में जहां नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं तो वहीं चिकित्सा शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को लेकर ईटीवी भारत ने लोगों से बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया जानी. देखिए ये रिपोर्ट...

लखनऊ : वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया. यह बजट मौजूदा सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट है. इस बजट को ने पेश किया. इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए मोटी रकम का निर्धारण किया गया है. राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए बजट को लेकर राजधानी लखनऊ में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए जिस तरह से बजट की घोषणा की गई है, उससे लोगों ने इसे बेहतर और सुविधाजनक बजट बताया है.

बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया.
इंफ्रास्ट्रक्चर सहित गंभीर बीमारियों पर सरकार का ध्यान
राजधानी लखनऊ के मेडिकल इंस्ट्रूमेंट के व्यापारी संजय शुक्ला ने बताया कि जिस तरह से राज्य सरकार ने बीमारियों से लड़ने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए बजट प्रस्तावित किया है, यह काफी बेहतर है. आने वाले दिनों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया है तो वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए भी बजट का आवंटन किया गया है, जो काफी हद तक लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगा.

लोगों को बजट से मिलेगा फायदा
राजधानी लखनऊ में एक निजी अस्पताल में कार्यरत संदीप अवस्थी ने बताया कि जहां उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए बजट का आवंटन किया है तो वहीं दूसरी ओर लोगों को सस्ता व सरल उपचार उपलब्ध कराने के लिए भी बजट का आवंटन किया है. इसमें केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम किया जाएगा. सरकार के अंतिम बजट से उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को फायदा पहुंचेगा.

बजट को लेकर सीएचसी अधीक्षक से बातचीत.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर देना होगा विशेष ध्यान
ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र मोहनलालगंज में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. यहां स्वास्थ्य केंद्र की अधीक्षक डॉ. ज्योति कामले ने बताया कि भले ही सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही हो और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पैसा दे रही हो, लेकिन आज भी ऐसी बहुत सी प्राथमिक सुविधाएं हैं, जो हम डॉक्टर्स को चाहिए होती हैं. उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सिक्योरिटी गार्ड होना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही सफाई कर्मी, माली, कुक और धोबी भी होना चाहिए, जिससे स्वास्थ्य केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं को पूरा किया जा सके. अस्पताल में मैन पावर की भी बहुत कमी है, जिसे सरकार को ध्यान में रखना चाहिए.


बजट में किए गए प्रावधान

  • कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीकाकरण योजना के लिए ₹50 करोड़ की व्यवस्था.
  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हेतु 5395 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • आयुष्मान भारत के लिए 1300 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए डायग्नोस्टिक बुनियादी ढांचा सृजित किए जाने हेतु 1073 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • शहरी स्वास्थ्य आरोग्य केंद्र हेतु 425 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था.
  • राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुंदरीकरण के लिए ₹54 करोड़ तथा प्रदेश के 12 मंडलों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं एवं भंडारी कार्यों के निर्माण हेतु ₹50 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • ब्लॉक स्तर पर लोक स्वास्थ्य कार्यों की स्थापना हेतु ₹77 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • प्रदेश में 13 जनपद बिजनौर, कुशीनगर, सुलतानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात तथा कौशांबी में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए ₹23 करोड़ की व्यवस्था.
  • अमेठी और बलरामपुर में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु ₹75 करोड़ की व्यवस्था.
  • अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
  • एसजीपीजीआई लखनऊ में उन्नत मधुमेह केंद्र की स्थापना कराए जाने का निर्णय.
  • आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालय में प्रमाणित एवं गुणकारी औषधियों की आपूर्ति की व्यवस्था हेतु प्रदेश में 2 राजकीय औषधि निर्माणशालाएं लखनऊ एवं पीलीभीत को सुदृढ़ करने एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया.
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