मेरठ में खुलेगा खेल विश्वविद्यालय, विधानसभा में यूपी क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक पास
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मेरठ में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. लखनऊ में बजट सत्र के दौरान सोमवार को उत्तर प्रदेश क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2021 पेश किया गया. यह प्रस्ताव खेल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी ने विधानसभा के पटल पर रखा जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.

लखनऊः मेरठ में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. बजट सत्र के दौरान सोमवार को उत्तर प्रदेश क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2021 विधानसभा से पारित हो गया. यह प्रस्ताव खेल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी ने विधानसभा के पटल पर रखा जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप विवि की हो रही स्थापना
खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवाओं की बहुत लंबे समय से मांग थी कि प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय बनाया जाए. आज का दिन शुभ है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मेरठ में क्रीड़ा विश्वविद्यालय बनने जा रहा है. मेरी समझ से सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के, सभी लोग यह चाहते हैं कि प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए.

यूपी के युवा करेंगे देश का नेतृत्व
दुनियाभर में सबसे ज्यादा युवा भारत में हैं. उसी तरह से उत्तर प्रदेश की बात करें तो देश में यहां सबसे ज्यादा युवा हैं. उत्तर प्रदेश से खिलाड़ियों का पलायन न हो इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला लिया है कि प्रदेश में क्रीड़ा विश्वविद्यालय खोला जाए. इससे प्रदेश के युवा खेल के क्षेत्र में प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का नेतृत्व भविष्य में कर सकेंगे.

करीब 700 करोड़ आएगा खर्च
क्रीड़ा विश्वविद्यालय (स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी) में फिजिकल एजुकेशन, हेल्थ एंड अप्लाई स्पोर्ट्स साइंसेज, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स कोचिंग, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म एंड मॉस मीडिया टेक्नोलॉजी, एडवेंचर स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स से जुड़े पाठ्यक्रम को शामिल किया जाएगा. इन पाठ्यकर्मों में स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, एमफिल और पीएचडी तक की शिक्षा उपलब्ध होगी. खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अनुमानित लागत करीब 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस परियोजना में केंद्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं ली जाएगी.

विपक्ष ने प्रवर समिति में भेजने की सिफारिश की
इससे पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य संजय गर्ग ने क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2021 के प्रस्ताव को प्रवर समिति को भेजे जाने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि प्रवर समिति में यह प्रस्ताव जाने से उस पर विस्तृत चर्चा हो सकेगी. उदीयमान खिलाड़ियों के भविष्य को कैसे संवारा जाए, ऐसे मुद्दों पर सुझाव आ सकेंगे. इस विश्वविद्यालय की बनाई गई कमेटी में विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए. साथ ही संजय गर्ग ने कहा कि हालांकि मैं इस प्रस्ताव का स्वागत करता हूं. साथ ही यह भी चाहता हूं कि इसमें कोई खामी न रह जाए, इसलिए इस प्रस्ताव को प्रवर समिति को भेजे जाने का प्रस्ताव रखता हूं.

सोसायटी रजिस्ट्रीकरण यूपी संशोधन विधेयक 2021 पारित
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोसायटी रजिस्ट्रीकरण उत्तर प्रदेश संशोधन विधेयक-2021 विधानसभा में रखा. उन्होंने बताया कि इस संशोधन के तहत अब पंजीकरण और नवीनीकरण को लेकर जो मामले हाईकोर्ट जाते थे. वह मामले अब मंडलायुक्त के स्तर पर ही निपटाए जा सकेंगे. हालांकि विपक्ष ने खन्ना के इस प्रस्ताव को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा. लालजी वर्मा ने कहा कि प्रवर समिति की रिपोर्ट आने के बाद इसे विधानसभा से पारित कराया जाए. उन्होंने कहा कि जब कोई भी विवाद होता है तो वह हाईकोर्ट तक जाने के बाद ही फैसला होता है. डिप्टी रजिस्ट्रार का फैसला आने के बाद सीधे हाईकोर्ट में ही यह मामला जाना चाहिए. अगर मंडलायुक्त के पास मामला जाएगा तो फैसला आने में और भी देरी होगी. वर्मा के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया गया और विधेयक पारित हो गया.

उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन और विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2021 का प्रस्ताव पास
जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन और विनियमन) (संशोधन) विधेयक-2021 का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि इस संशोधन में केवल औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने की बात है. अगर कोई औद्योगिक इकाई स्थापित करता है, तो उसे जल संचयन का प्रबंध भी करना होगा. उसके लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं. औद्योगिक क्षेत्रों का जोड़ा जाना बहुत ही आवश्यक है ताकि भूगर्भ जल संचयन को बढ़ावा मिल सके. संशोधन के बाद पूरा उत्तर प्रदेश कवर होगा.

विपक्ष ने उठाया सवाल
जलशक्ति मंत्री के प्रस्ताव पर विपक्ष के सदस्य संजय गर्ग ने कहा कि 2019 में यह विधेयक लाया गया. उस वक्त प्रवर समिति में अगर इसे भेजा गया होता तो कोई त्रुटि नहीं होती. जल्दबाजी में लाए गए विधेयक का परिणाम यह रहा कि 2019 में विधेयक लाया गया. 2020 कोरोना में निकल गया और 2021 में संशोधन करने की बात की जा रही है. इसलिए इस संशोधन प्रस्ताव को प्रवर समिति में भेजा जाए. जिससे इस पर विस्तार से चर्चा हो सके. प्रवर समिति के जो सुझाव आएंगे उसे शामिल करके फिर विधानसभा से पारित किया जाए. हालांकि विपक्ष के इस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया. ध्वनिमत से सदन में भूगर्भ जल संशोधन विधेयक को पारित हो गया.

शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक-2021
स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक-2021 का प्रस्ताव सदन में रखा. इसके माध्यम से लखनऊ और इलाहाबाद दोनों जगहों पर अधिकरण काम करेगा. अब अधिकरण लखनऊ में तीन दिन और प्रयागराज में दो दिन काम करेगा. नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने इस प्रस्ताव को प्रवर समिति के पास भेजने के लिए प्रस्ताव रखा और कहा कि एक महीने में रिपोर्ट आने के बाद सदन से पारित कराया जाए. वहीं समाजवादी पार्टी के सदस्य उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि अधिकरण को केवल प्रयागराज में ही चलना चाहिए. अधिकारियों की सुविधा के लिए लखनऊ में भी अधिकरण काम करे यह ठीक नहीं है.

कार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि यह प्रस्ताव पहले ही दोनों सदनों से पारित हो चुका है. केवल संशोधन मात्र के लिए यह प्रस्ताव रखा गया है. सरकार लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए संशोधन बिल लेकर आई है. इससे सभी शिक्षण संस्थान, वह चाहे बेसिक शिक्षा हो, माध्यमिक हो या उच्च शिक्षा, उनमें जितने भी मामले चल रहे हैं उनका त्वरित निस्तारण हो इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है. यह निर्णय अध्यापकों, छात्रों और कर्मचारियों के हित में है, इसलिए हम चाहते हैं कि इसे पारित किया जाए. इसके साथ ही सदन से यह विधेयक पारित हो गया.

ये प्रस्ताव भी हुए पास
- उत्तर प्रदेश चलचित्र (विनियमन) (संशोधन) विधेयक, 2021 सदन से पास हुआ.
- राज्य आयुष विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2021.
- उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2021

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