पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री आईआईटी खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है, जिसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर ने शिक्षा मंत्रालय की मदद से बनाया है.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईआईटी खड़गपुर में 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि आज का दिन आईआईटी खड़गपुर के सिर्फ उन विद्यार्थियों के लिए अहम नहीं है, जिनको डिग्री मिल रही है. आज का दिन नए भारत के निर्माण के लिए भी उतना ही अहम है.
पीएम ने कहा, आज का दिन IIT खड़गपुर के सिर्फ उन विद्यार्थियों के लिए अहम नहीं है, जिनकों डिग्री मिल रही है. आज का दिन नए भारत के निर्माण के लिए भी उतना ही अहम है.
इंजीनियर होने के नाते एक क्षमता आपमें विकसित होती है और वो है चीजों को Pattern से Patent तक ले जाने की क्षमता. यानि एक तरह से आपमें विषयों को ज्यादा विस्तार से देखने की दृष्टि होती है.
जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे. ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे. इन सवालों का उत्तर है- Self Three.
मोदी ने कहा, Self-awareness, Self-confidence और Selflessness. आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें.
आप सभी, साइंस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है.
आपने जो सोचा है, आप जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना मिले.
लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे.
21वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, ज़रूरतें भी बदल गई हैं और Aspirations भी बदल गई हैं.
अब IITs को इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नॉलॉजी ही नहीं, Institutes of Indigenous Technologies के मामले में Next Level पर ले जाने की जरूरत है.
आप ये जानते हैं कि ऐसे समय मे जब दुनिया climate change की चुनौतियों से जूझ रही है, भारत ने इंटरनेशनल सोलर अलायन्स (ISA) का विचार दुनिया के सामने रखा और इसे मूर्त रूप दिया.
आज दुनिया के अनेक देश भारत द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से जुड़ रहे हैं.
आज भारत उन देशों में से है जहां सोलर पावर की कीमत प्रति यूनिट बहुत कम है। लेकिन घर-घर तक सोलर पावर पहुंचाने के लिए अब भी बहुत चुनौतियां हैं.
भारत को ऐसी टेक्नोलॉजी चाहिए जो इनवायर्नमेंट को कम से कम नुकसान पहुंचाए, ड्यूरेबल हो और लोग ज्यादा आसानी से उसका इस्तेमाल कर पाएं.
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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है, जिसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर ने शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी दी.