चमोली : लापता लोगों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया निर्धारित
Breaking

तपोवन सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने का कार्य जारी है. यहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों का लापता लोगों को ढूंढने के लिए विभिन्न स्थानों पर सर्च अभियान चला रहे हैं. अभी तक 70 शव बरामद हो चुके हैं. जबकि सैंकड़ों की संख्या में लोग अभी भी लापता हैं.

देहरादून : उत्तराखंड के चमोली आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है. इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं जिला जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों को एक परिपत्र जारी करने को कहा है. सात फरवरी को भीषण दैवीय आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी दी गई है और उनसे इसका तत्काल पालन करने को कहा गया है.

सर्कुलर में कहा गया है कि साधारणतया मृत्यु का पंजीकरण संबंधित व्यक्तियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर किया जाता है लेकिन उत्तराखंड में हुई असाधारण घटना जैसी अपवादस्वरूप परिस्थितियों में जांच के बाद किसी लोकसेवक की आख्या पर भी मृत्यु पंजीकरण किया जा सकता है. जिन लोगों के शव प्राप्त हो गए हैं, उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में सामान्य प्रक्रिया अपनाई जाएगी लेकिन जिन लापता लोगों के शव नहीं मिले हैं, उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्तराखंड में आई उक्त दैवीय आपदा में ही उनकी मृत्यु होने की पूरी आशंका है.

मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आपदा में लापता व्यक्तियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी में उन लापता लोगों को रखा गया है जो आपदा प्रभावित स्थानों के स्थाई निवासी थे या उन निकटवर्ती स्थानों के स्थाई निवासी थे जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में निवासरत थे. दूसरी श्रेणी में वे लापता लोग हैं जो उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी थे लेकिन आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में मौजूद थे और तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के लापता पर्यटक या व्यक्ति हैं जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थान पर उपस्थित थे. मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए परगना अधिकारी या उपजिलाधिकारी को अभिहित अधिकारी (डेजेगनेटेड) और अतिरिक्त जिलाधिकारी या जिलाधिकारी को अपीलीय अधिकारी नियुक्त किया गया है.

तपोवन सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने का कार्य जारी है. यहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों का लापता लोगों को ढूंढने के लिए विभिन्न स्थानों पर सर्च अभियान चला रहे हैं. रैणी में भी ऋषि गंगा के दोनों ओर मलबे में लापता की खोजबीन की जा रही है. अभी तक 70 शव बरामद हो चुके हैं. जबकि सैंकड़ों की संख्या में लोग अभी भी लापता हैं.

पढ़ें : राहत बचाव कार्य जारी, अभी तक 70 शव बरामद

गौरतलब है कि ऋषिगंगा नदी में सात फरवरी को अचानक आई बाढ़ से चमोली जिले के रैंणी और तपोवन क्षेत्र में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था. आपदा में 204 व्यक्ति लापता हुए थे जिनमें से अभी तक 70 के शव बरामद हो चुके हैं.

    About us Privacy Policy
    Terms & Conditions Contact us

    • ETV
    • ETV
    • ETV
    • ETV

    Copyright © 2021 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.
    ETV

    INSTALL APP

    ETV

    CHANGE STATE

    ETV

    SEARCH

    ETV

    MORE

      • About us
      • Privacy Policy
      • Terms & Conditions
      • Contact us
      • Feedback

      Copyright © 2021 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.